नीति आयोग ने सामाजिक क्षेत्र 2023 में सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों पर आधारित सार संग्रह जारी किया

नीति आयोग ने सामाजिक क्षेत्र 2023 में सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों पर आधारित सार संग्रह जारी किया

नीति आयोग ने संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के सहयोग से आज “सामाजिक क्षेत्र में सर्वोत्तम कार्यप्रणालियां: एक सार संग्रह, 2023” को जारी किया। भारत की आजादी के 75 वर्ष को मनाने और विभिन्न केन्द्रीय मंत्रालयों एवं राज्य सरकारों के प्रयासों को सामने लाने व उनकी सराहना करने हेतु इस सार-संग्रह में 14 प्रमुख सामाजिक क्षेत्रों से जुड़े 75 केस स्टडी को शामिल किया गया है। ये केस स्टडी सभी राज्यों/ केन्द्र शासित प्रदेशों और भारत सरकार के 30 मंत्रालयों तथा विभागों से हासिल किए गए हैं।

इस सार- संग्रह को जारी करने के दौरान नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री सुमन बेरी ने कहा, “यह प्रकाशन राज्यों के बीच पारस्परिक रूप से सीखनेराज्यों में हो रहे नवाचारों संबंधी प्रयासों की सराहना करने और उन कार्यप्रणालियों को अपनाने का अवसर है जो संदर्भ की दृष्टि से सबसे उपयुक्त हैं।” उन्होंने कहा कि इस दस्तावेज को एक जीवंत दस्तावेज बनाया जाना चाहिए और इसे नवाचार एवं प्रगति का एक सक्रिय उपकरण होना चाहिए। नीति आयोग के सीईओ श्री बी.वी.आर सुब्रह्मण्यम ने कहा, “इस सार संग्रह की उपयोगिता विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में इसकी केस स्टडी को दोहराने की क्षमता में निहित है।” यूएनडीपी इंडिया की स्थानीय प्रतिनिधि सुश्री शोको नोडा ने कहा, “यह दस्तावेज़ न केवल राज्यों के बीच पारस्परिक रूप से सीखने की दृष्टि से महत्वपूर्ण हैबल्कि अन्य देशों के लिए भी भारत की सफलताओं से सीखने का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।” नीति आयोग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. योगेश सूरी ने कहा, “अब जबकि भारत ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मना रहा हैनीति आयोग और यूएनडीपी सामाजिक क्षेत्र में 75 सर्वोत्तम कार्यप्रणालियों को दर्शाने वाले इस सार संग्रह को सामने ला रहे हैंजो वास्तव में जमीनी स्तर पर ‘उपलब्धियां @75’  विषय को रेखांकित करता है।”

इस सार-संग्रह में उल्लेख की गई पचहत्तर सर्वोत्तम कार्यप्रणालियां उन मॉडलों को उजागर करती हैं जो नवीन, टिकाऊ, अनुकरणीय और प्रभावशाली हैं। इस कवायद का उद्देश्य जमीनी स्तर पर जीवन के विस्तार, उन्नति और सुधार के उद्देश्य से भविष्य के सबक को तैयार करना है। इसमें पर्याप्त सावधानी बरतते हुए यह सुनिश्चित किया गया है कि पहचान किए गए मामले शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण, ई-गवर्नेंस एवं डिजिटलीकरण, कृषि, महिला सशक्तिकरण, खेल और वित्तीय समावेशन सहित विविध विषयों से संबंधित हों।

नीति आयोग के उपाध्यक्ष श्री सुमन बेरी ने आयोग के सदस्य डॉ. वी. के. सारस्वत, डॉ. वी. के. पॉल एवं डॉ. अरविंद विरमानी और नीति आयोग के सीईओ श्री बी.वी.आर सुब्रह्मण्यम की उपस्थिति में इस सार – संग्रह को जारी किया। इस अवसर पर, यूएनडीपी इंडिया की स्थानीय प्रतिनिधि सुश्री शोको नोडा, नीति आयोग तथा  कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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