तुम लगन लगालो राम से

उल्लाला छंद
(विषम चरणी)
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तुम लगन लगालो राम से।
प्यारा जिनका धाम है।।

तुम लगन लगा लो श्याम से।
पावन जिनका नाम है।।

शुभ धर्म-कर्म के दीप से।
सृष्टि प्रकाशित कीजिए।।

शुभ सत्य-कर्म की सीप से।
सच्चा मोती लीजिए।।

मत देर करो शुभ कर्म में।
आगे आना शाम है।।

तुम दीप्ति बुझा दो पाप की।
काजल जैसा काम है।।

सुन प्रबल पाप की ताप है।
दुख देती अविराम है।।

सुन कर्मो का फल सत्य है।
कहता मेरा श्याम है।।
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प्रभुपग धूल

 

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