20 किस्मों के जैविक और 17 अजैविक श्रेणियों में बांटकर अंबिकापुर में हो रहा 37 तरह के कचरे को अलग करने का काम

वेस्ट मैनेजमेंट की यात्रा में अहम भूमिका निभा रहे मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी सेंटर्स


20 किस्मों के जैविक और 17 अजैविक श्रेणियों में बांटकर अंबिकापुर में हो रहा 37 तरह के कचरे को अलग करने का काम

वर्तमान समय में मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी सेंटर्स पर स्वयं सहायता समूहों को जोड़कर सैकड़ों महिलाओं को दिया जा रहा रोज़गार

देश ही नहीं, दुनिया भर के शहरों में वेस्ट मैनेजमेंट एक बड़ी चुनौती रहा है। कहते हैं चुनौतियां ही मुश्किलों से निपटने का रास्ता भी सुझाती हैं। कुछ ऐसी ही मिसाल छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर शहर ने पेश की है, जिसने वेस्ट मैनेजमेंट के क्षेत्र में स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को ‘दीदियों’ का दर्जा देकर मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) सेंटर्स पर सैकड़ों नए रोज़गार के अवसर प्रदान किए हैं। इस तरह शहर से लेकर राज्य स्तर तक यहां ‘आत्मनिर्भर भारत’ का एक जीवंत उदाहरण पेश किया जा रहा है। खास बात यह है कि अंबिकापुर में कचरे को 37 श्रेणियों में अलग करने का काम किया जा रहा है। इस तरह छत्तीसगढ़ का अंबिकापुर शहर देश और दुनिया के वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम को भविष्य की नई राह दिखा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *