राष्ट्रीय जल जीवन मिशन ने अंडमान-निकोबार द्वीप में जल जीवन मिशन की अर्द्धवार्षिक समीक्षा की; सभी स्कूलों और आंगनवाड़ी केन्द्रों में 100 दिनों में पाइप के जरिए पेयजल की आपूर्ति का आश्वासन
राष्ट्रीय जल जीवन मिशन ने अंडमान-निकोबार द्वीप में जल जीवन मिशन की अर्द्धवार्षिक समीक्षा की; सभी स्कूलों और आंगनवाड़ी केन्द्रों में 100 दिनों में पाइप के जरिए पेयजल की आपूर्ति का आश्वासन
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अंडमान और निकोबार द्वीप प्रशासन ने संघ शासित प्रदेश में जल जीवन मिशन के क्रियान्वयन की प्रगति से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अवगत कराया है। जल जीवन मिशन के जरिए भारत सरकार देश के प्रत्येक ग्रामीण आवास में नल कनेक्शन देने के हर संभव प्रयास कर रही है ताकि लोगों को पर्याप्त मात्रा और निर्धारित गुणवत्ता युक्त पेयजल नियमित एवं दीर्घकालिक आधार पर उपलब्ध हो सके। इस प्रायोगिक कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को उनके घर पर पेयजल उपलब्ध कराकर उनके जीवन स्तर में सुधार करना है।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 400 से अधिक गांवो में 65,096 ग्रामीण आवास हैं जिनमें से 33,889 में पानी के कनेक्शन हैं और अन्य सभी आवासों में 2021 तक पानी के कनेक्शन उपलब्ध कराने की योजना बनाई है। यहां के 290 गावों में इस समय पाइप के जरिए पानी की आपूर्ति हो रही है और जिन गांवों में ऐसी सुविधा नहीं है वहां तक इसे ले जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। केन्द्र शासित प्रदेशों को अनुसूचित जाति/जनजाति बहुल क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है और यह जल जीवन मिशन में एक प्राथमिकता वाला क्षेत्र है।
केन्द्र शासित प्रदेश के गांवों में नियमित और दीर्घकालिक आधार पर पानी की आपूर्ति प्रणालियों के नियोजन, क्रियान्वयन, प्रबंधन, संचालन और रखरखाव के बारे में ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियां महत्वपूर्ण रोल अदा करेंगी और इस कार्य में ग्राम पंचायतें, स्थानीय समुदाय की मदद भी लेंगी। ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों को गांव में पानी की आपूर्ति प्रणालियों की जिम्मेदारी, संचालन और रखरखाव के लिए प्रोत्साहित किया गया है और इसमें घरों से एक फिक्स चार्ज की बात भी कही गई है। इसके अलावा, पारंपरिक जलीय स्रोतों की मरम्मत पर भी विशेष ध्यान देने के अलावा धूसर जल के शोधन और गांव में उसके पुन: इस्तेमाल पर भी जोर दिया गया है। ग्राम स्तर पर विभिन्न कार्यक्रमों जैसे मनरेगा और एसबीएम के विलयीकरण की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया है ताकि इनसे प्राप्त होने वाली धनराशि को जल प्रणाली को मजबूती देने, पानी को बचाने, एक्वीफायर रिचार्ज, जल शोधन और धूसर जल प्रबंधन में इस्तेमाल किया जा सके।
संघ शासित प्रदेश को ग्राम पंचायत से जुड़े लोगों और अन्य हितधारकों की क्षमता निर्माण करने के लिए विशेष प्रशिक्षण का आयोजन करने को कहा गया है जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में प्रशिक्षित मानव संसाधनों को तैयार किया जा सके। इस प्रकार प्रशिक्षित मानव संसाधन जल आपूर्ति प्रणालियों के क्रियान्वयन में काफी मददगार साबित होंगे।
जल जीवन मिशन के तहत पानी की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाता है और विभिन्न स्तरों पर पानी की गुणवत्ता की जांच करने वाली प्रयोगशालाओं की स्थापना की गई है। पानी की गुणवत्ता पर नजर रखने के लिए समुदाय को भी शामिल किया जा रहा है। इसके अलावा, समुदाय को सशक्त बनाने और उन्हें गतिविधियों में शामिल करने के प्रयास भी किए जा रहे हैं जिसमें फील्ड टेस्ट किटों को हासिल करना, समुदाय को इस प्रकार की किट्स की आपूर्ति और प्रत्येक गांव में कम से कम 5 व्यक्तियों खासकर महिलाओं को चिन्हित करना, इस प्रकार की किटों के इस्तेमाल के लिए महिलाओं को प्रशिक्षण देना आदि शामिल है। जल शक्ति मंत्रालय ने देश के सभी स्कूलों और आंगनवाड़ी केन्द्रों में पेयजल आपूर्ति के लिए 100 दिवसीय अभियान शुरू किया है और इसी अवधि में अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के ऐसे सभी संस्थानों में पाइप के जरिए पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। |