*ऐसा है मेरा गांव* एक और सामाजिक एवं ऐतिहासिक धरोहर गुमनामी के अंधेरे में
*ऐसा है मेरा गांव
*
एक और सामाजिक एवं ऐतिहासिक धरोहर गुमनामी के अंधेरे में
उत्तर प्रदेश प्रांत के अंतर्गत वीरभूमि महोबा जिला के ग्राम सुगिरा में ऐतिहासिक धरोहर बसंत तालाब अब पहुंच चुका है खंडहर की अवस्था मैं जैसा कि नाम है,,बसंत तालाब,,वैसा यहां का माहौल-हरियाली चहचाहाती चिड़ियां,गायों का झुंड,हल जोतते हुए किसानों के दृश्य, खेतों की ओर जाते ग्रामीण आदि सब कुछ देखने को मिलता है इस स्थान से!
लेकिन इस स्थान का दुर्भाग्य कहें या कहें,,भ्रष्टाचार की आंधी” कि किसी को सुध भी नहीं है इस स्थान की दार्शनिक स्थल के साथ अति प्राचीन मंदिर,सामने तालाब, दूर-दूर से हरियाली युक्त खेत, किसी (आगरा के ताजमहल)से कम नहीं लगता है यह स्थान!
अगर इसका सुंदरीकरण हो जाए तो इस स्थान की एक अलग ही दर्शनीय शोभा होगी!
प्रशासनिक व राजनीतिक अधिकारी एवं मित्रों से अनुरोध है कि गुमनामी के अंधेरे में जा रहे इस स्थान को बचाएं तथा जिम्मेदार अधिकारियों तक बात को पहुंचाने की कृपा करें!
निवेदक-युवा क्रांति संस्कृति रक्षा मंच व समस्त ग्रामवासी सुगिरा कुलपहाड़ महोबा!!