प्रीत पदावली
प्रीत पदावली —-
25/02/2022
—— प्रिय कंत —–
शकुंतला का दुष्यंत बनाया ।
मन विक्षिप्त पाषाण हृदय को ,
स्वर्ण परी का प्रिय कंत बनाया ।
एक बटोही को प्रेम पंथ पर ,
बरबस पिया पद अहंत बनाया ।
कठिन क्षणों में सुविधान सुशिक्षित ,
सुविचारी महा सुमंत बनाया ।।
भिन्न कोण रचकर जब परख लिया ,
सर्व साधना अरिहंत बनाया ।
था अबूझ सा अबोधता से मन ,
तुमने ही मोरोपंत बनाया ।।
धन्य जगत उस सुदिन समय के क्षण ,
महा मनमोहक बसंत बनाया ।
रहा सर्व साधारण चित्ताश्रित ,
कुछ विशेष किया अनंत बनाया ।।
अनुरागी मन को मिली सबलता ,
संधान लक्ष्य बलवंत बनाया ।
धन्यवाद हे चित्तवृत्तियों की ,
आजीवन रति प्रत्यंत बनाया ।।
—- रामनाथ साहू ” ननकी ”
मुरलीडीह ( छ. ग. )
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