महा-गुरु छन्द
महा-गुरु छन्द
——————————-
(विधान स्वरचित)
——————————-
विधान-
धनु राशि वर्ण से शुरू एवं
अंत मीन राशि वर्ण पर
चारों चरणों में नियम लागू
चारों चरण सम तुकांत 2 को 11
लिखने की छूट नहीं
म-1+म-1=2 गण=गुरु
12 मात्रा=बारहवीं राशि मीन
-मीन राशि का स्वामी गुरु
एवं धनु राशि का स्वामी भी गुरु
धनु+मीन=दो राशियाँ=गुरु
मगण-शुभ-देवता-पृथ्वी-
फल-लक्ष्मी
सूत्र-
म+म+म+म
222 222
———————-
1-
भारी पापी भेदो।
भोले छाया दे-दो।।
भारी दुष्टी छेदो।
भोले नौका खे-दो।।
2-
भोले दो आजादी।
भोली है आबादी।।
भोला है संवादी।
भोले तेरा आदी।।
3-
भोले लीला सादा।
भोला मेरा दादा।।
भोला-भोला ज्यादा।
भोला तू ही मादा।।
———————–
प्रभुपग धूल
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश