ओढ़ बसंती चोला कोयल, कर जग से प्रस्थान गयी।
शोक गीत
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(भारत की कोयल श्री मती
लता मंगेशकर को समर्पित)
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ओढ़ बसंती चोला कोयल,
कर जग से प्रस्थान गयी।
कर जग में मृदु गान गयी।।
1-
आज व्यथित है तन-मन मेरा।
देख काल ने डाला घेरा।।
ईश्वर का है अद्भुद फेरा।।।
यह दुख आज सहूँ मैं कैसे,
आज विश्व की शान गयी।
कर जगमें मृदु———
2-
शक्ति सती सी जो मैं पाता।
कोयल को मैं लौटा लाता।।
उसके सँग में गाना गाता।।।
शक्ति हीन सब हरि के आगे,
बात ज्ञान की मान गयी।
कर जग में मृदु—–
3-
अमर आज भी दिल में कोयल।
सबके दिलको करती घायल।।
जगत आज है गुण का कायल।।।
प्रभुपग श्रद्धा सुमन चढ़ाते,
दे स्वर का वो दान गयी।
कर जग में मृदु———-
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प्रभुपग धूल
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश