छप्पय छन्द ——————– शीर्षक-मुरली
छप्पय छन्द
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शीर्षक-मुरली
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1-
मुरली खोई आज,
श्याम जी ढूँढ़ रहे हैं।
चिन्ता में हैं श्याम,
नीर से नैन बहे हैं।।
मुरली से था प्रेम,
नहीं मन धीर धरे हैं।
श्याम आज बेचैन,
शोक से हृदय भरे हैं।।
कोने-कोने देखते।
नहीं चैन से बैठते।।
मन ही मन में सोचते।
यसुदा माँ से रूठते।।
2-
आये बाबा नंद,
श्याम को गले लगाते।
यसुदा जी को देख,
प्रेम से पास बुलाते।।
बोली माता बोल,
नहीं मैं मुरली दूँगी।
खाती तन की श्वांस,
आज मत पीर सहूँगी।।
मुरली दे दो श्याम की।
व्याकुल मेरा लाल है।।
वंशी देते छीन के।
वंशीधर का नाम भी।।
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प्रभुपग धूल
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश