पत्रकार ऐसे बढ़े, कीड़ा ज्यों बरसात।

दोहे-
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#उत्तर प्रदेश
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1-
पत्रकार ऐसे बढ़े,
कीड़ा ज्यों बरसात।
हिंदी लिख पाते नहीं,
रखते कलम दवात।।
2-
जाँच करें अफ़सर नहीं,
फैला जंगल राज।
शोर मचा है हिन्द में,
फैली भारी ख़ाज।।
3-
पैसों से भर्ती हुई,
कौन कहे ये बात।
पखनी से उड़ते फिरें,
जैसे हो बरसात।।
4-
मौन साध साहब खड़े,
होते नित्य ववाल।
लूट पाट भी कर रहे,
करते नित्य धमाल।।
5-
प्रभुपग साहब जागिए,
खोलो अपने नैन।
कागज़ अपने जाँचिए,
जनता है बेचैन।।
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प्रभुपग धूल
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश

 

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