छंद – शक्ति
छंद – शक्ति
विधान – इसमें 18 मात्राओं
के चार चरण होते हैं,
अंत में वाचिक भार 12 होता है
तथा 1,6,11,16 वीं मात्रा पर
लघु 1 अनिवार्य होता है l
मापनी –
122 122 122 12
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1-
गजानन हमेशा कृपा कीजिए।
पड़े द्वार तेरे निभा लीजिए।।
दया दान गजमुख हमें दीजिए।
लिए हाथ गंगा प्रभो पीजिए।।
2-
सदा ज्ञान गंगा बहाते रहो।
सदा विघ्न बाधा घटाते रहो।।
सदा कष्ट मेरे हटाते रहो।
हमें दुष्ट से भी बचाते रहो।।
3-
सभी काम मेरे बनाते रहो।
हमें मार्ग सत का लखाते रहो।।
मधुर छन्द गणपति सिखाते रहो।
हमें नीर सुख का पिलाते रहो।।
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प्रभुपग धूल
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश