अपनो पे सितम अभ्यस्त अपराधियों पर करम ए रायपुरवा पुलिस यह जुल्म ना कर
अपनो पे सितम अभ्यस्त अपराधियों पर करम ए रायपुरवा पुलिस यह जुल्म ना कर
अभ्यस्त अपराधी महिला अलीशा अंसारी एन बी डब्ल्यू वारंट में हाजिर ना होने पर माननीय न्यायालय ने की 82 की कार्यवाही किया कानपुर नगर से लाइन हाजिर
माननीय न्यायालय के आदेश पर दर्ज हुआ मुकदमा आरोपियों को लूट से बचाने के लिए न्यायालय के आदेश की दो लाइन ही गायब कर न्यायालय की भी कर दी अवमानना
*कानपुर* कमिश्नर रेट की रायपुरवा कोतवाली की पुलिस सच को झूठ में बदलने से बाज नहीं आ रही है पुलिस पर एक महिला अधिवक्ता द्वारा दर्ज कराया गया मुकदमे में जहां एक और न्यायालय के आदेशों की अवमानना की जा रही है तो वहीं दूसरी और मुकदमा दर्ज होने के बाद से आरोपियों की गिरफ्तारी भी नहीं की जा रही है जिसके बाद से कमिश्नरेट पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़े होते नजर आ रहे हैं महिला अधिवक्ता का आरोप है कि रायपुवा पुलिस आरोपियों को 5 माह से बचाने पर पूरी तरह लगी है जानबूझकर रायपुरवा पुलिस आरोपियों को बचा रही है उनका कहना है कि उनके साथ लूट की घटना हुई है उसमें आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है क्योंकि आरोपियों पर 354 की धारा का मुकदमा दूसरी बार दर्ज हुआ है इसलिए नियम है कि अगर आरोपी ने कभी पहले छेड़छाड़ की घटना को अंजाम दिया हो और उन पर मुकदमा दर्ज हो उसके बाद उनके द्वारा किसी भी दूसरी घटना में छेड़छाड़ की घटना जैसा गंदा कृत्य किया जाता है तो सजा डबल हो जाती है और आरोपियों की गिरफ्तारी तुरंत की जाती है परंतु रायपुरवा पुलिस ने कानून अपने हाथ में लेकर ऐसा नहीं किया और माननीय न्यायालय के आदेश की भेजी गई लूट की दो लाइन ही थाना प्रभारी उप निरीक्षक द्वारा आरोपियों को लाभ देने के लिए गायब कर दी जाती है माननीय न्यायालय के आदेश में अधिवक्ता महिला का लूट का जिक्र था उस लाइन को भी गायब कर दिया थाना रायपुरवा प्रभारी उपनिरीक्षक सुरेश पटेल ने इन अधिकारियों को नई मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पीड़ित के द्वारा दिए गए प्रार्थना पत्र जोकि अभ्यास अपराधियों द्वारा की गई घटना का पूरा विवरण दिया है और सच भी है जनसुनवाई के मुख्यमंत्री महोदय के प्रार्थना पत्र में भी झूठी रिपोर्ट लगाने से बाज नहीं आ रहे थाना रायपुरवा प्रभारी उप निरीक्षक सुरेश पटेल इनको पुलिस की वर्दी का भी तनिक भी नहीं है डर मुख्यमंत्री आई जी आर एस में झूठी रिपोर्ट लगाने का भी डर नहीं है नाही माननीय न्यायालय के दिए गए आदेश में आदेश की दो लाइन गायब करने का नहीं है डर क्यों नहीं ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कमिश्नर अरुण असीम जी कार्यवाही नहीं कर रहे क्यों मुख्यमंत्री महोदय ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर पद मुक्त के आदेश नहीं कर रहे जो यूपी पुलिस की छवि को धूमिल करने में लगे हैं जो अपना ईमान एक अभ्यस्त अपराधी को बचाने में बेच रहे हैं क्यों कार्यवाही नहीं की जा रही