छुअत टूट रघुपतिहु न दोसू। मुनि बिनु काज करिअ कत रोसू॥*

*छुअत टूट रघुपतिहु न दोसू। मुनि बिनु काज करिअ कत रोसू॥*
*#बोले चितइ परसु की ओरा। रे सठ सुनेहि सुभाउ न मोरा॥*। *परशुराम लक्ष्मण संवाद में सभी का दिल जीता*। *#पूरी रात डटे रहे दर्शक*
*श्रीनगर ,महोबा*।
सीता स्वयंवर में धनुष टूटते ही परशुराम आ गए और वह क्रोधित हो गए तब लक्ष्मण ने कहा कि छुअत टूट रघुपतिहु न दोसू। मुनि बिनु काज करिअ कत रोसू॥यानी यह तो छूते ही टूट गया, इसमें रघुनाथ का भी कोई दोष नहीं है। मुनि! आप बिना ही कारण किसलिए क्रोध करते हैं? परशुराम अपने फरसे की ओर देखकर बोले – अरे दुष्ट! तूने मेरा स्वभाव नहीं सुना।!! जब विदेह राज जनक द्वारा आयोजित सीता स्वयंवर में किसी के धनुष न तोड़ने पर सभी परेशान हो गए तभी शुभ अवसर जान करके मुनि विश्वामित्र जी ने दशरथ नंदन राम को कहा कि उठहु राम भंजहु भव चापा , मेटहु तात जनक संतापा मुनि विश्वामित्र जी का आदेश पाते हैं मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री रामचंद्र जी ने शिव के धनुष का खंडन करके विदेह राज जनक कष्ट दूर किया लेकिन यह क्या धनुष का खंडन होने के बाद भगवान परशुराम आ गए और उन्होंने क्रोधित होकर के कहा कि सो बिलगाए बिहाय समाजा नतु मारे जहिएं सब राजा — इस पर लखन लाल जी क्रोधित हो गए और उन्होंने परशुराम जी से वार्तालाप करके उनके द्वारा कहे गए सभी दृष्टांतों का बहुत ही बखूबी जवाब दिया इस साहित्यिक लड़ाई में सभी ने बहुत आनंद लिया , यह संवाद पूरी रात चला और लोग भी डटे रहे राम का अभिनय जितेंद्र रिछारिया, लक्ष्मण अनमोल मिश्रा, परशुराम अनिल शुक्ला, पेटू राजा पप्पू विश्वकर्मा, नाउ कक्का प्यारे लाल श्रीवास , राजा जनक भूपेंद्र रिछारिया, मुनि विश्वामित्र अनूप त्रिवेदी , , आदि भूमिकायं सराहनीय रहीं लोगों ने कोविड-19 के तहत रामलीला का आनंद उठाया। इस अवसर पर रतीशचंद्र रावत ,नरेंद्र गंगेले,अरविंद तिवारी, हरिश्चंद्र शर्मा,सुनील अग्रवाल,विश्वनाथ सिंह राघव,आशीष मिश्रा ,रामू शुक्ला,नवल विश्वकर्मा आदि गणमान्य नागरिक व भारी संख्या में दर्शक मौजूद रहे

नेटवर्क टाइम्स से क्राइम ब्यूरो जितेंद्र तिवारी की रिपोर्ट

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