खाने में मिलावट कैसे पहचानें और उपाय ?’ विषय पर ऑनलाइन विशेष संवाद
*’खाने में मिलावट कैसे पहचानें और उपाय ?’ विषय पर ऑनलाइन विशेष संवाद*_
*त्योहार-उत्सवों के काल में जागरूक रहकर खाद्यपदार्थ खरीदें !* – श्री. मोहन केंबळकर, सहायक आयुक्त, खाद्य एवं औषधि प्रशासन
अस्वच्छ वातावरण में बनाए गए खाद्यपदार्थ, मिलावटयुक्त पदार्थ साथ में रखना तथा मिलावटयुक्त अन्नपदार्थ के सेवन से किसी की मृत्यु होने पर अथवा व्यक्ति को शारीरिक कष्ट अथवा रोग होने पर ऐसे अनेक अपराधों के लिए खाद्य सुरक्षा के विषय में विद्यमान कानूनों के अनुसार दोषियों के विरोध में दंड का प्रावधान अस्तित्व में है । इस स्तर के अपराधों हेतु आर्थिक दंड, कारावास इत्यादि दंड है । खाद्यपदार्थों का स्तर उत्तम हो, इसके लिए प्रशासन सजग है; परंतु त्योहार-उत्सवों के काल में नागरिक भी जागरूक रहकर खाद्यपदार्थ क्रय करें (खरीदें), ऐसा आवाहन कोल्हापुर के *खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग के सहायक आयुक्त श्री. मोहन केंबळकर* ने किया । वे ‘आरोग्य साहाय्य समिति’ और ‘सुराज्य अभियान’ द्वारा आयोजित ‘खाने में मिलवाट कैसे पहचानें और उपाय ?’ (भाग 2) इस ‘ऑनलाइन’ विशेष संवाद में बोल रहे थे ।
*इस कार्यक्रम में सातारा और कोल्हापुर के जिला सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशाला के कनिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी श्री. सुनील पाखरे* और उनके सहकर्मचारियों ने दूध का मावा, केशर, दाल इत्यादि पदार्थों में की गई मिलावट कैसे पहचानें ?, यह प्रत्यक्ष प्रदर्शन द्वारा दिखाया । यह कार्यक्रम Hindujagruti.org जालस्थल (वेबसाइट), समिति के ‘HinduJagruti”यू-ट्युब’ चैनल, हिन्दू जनजागृति समिति, साथ ही आरोग्य साहाय्य समिति एवं सुराज्य अभियान के ट्विटर हैंडल द्वारा प्रसारित किया गया । 13 अक्टूबर को प्रसारित इस कार्यक्रम का भाग-1 भी नागरिक अवश्य देखें और ‘मिलावट’ की समस्या के विषय में संघर्ष करने के लिए ‘सुराज्य अभियान’ से संपर्क करें, ऐसा आवाहन हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. वैभव आफळे ने किया ।
*श्री. केंबळकर ने आगे कहा कि* दीपावली जैसे त्योहारों के समय मिठाई पर चांदी के बजाय एल्युमिनियम का वर्क लगाया जाता है । मिठाई एवं गुड जैसे पदार्थों पर खाने के रंग का अधिक उपयोग किया जाता है । बाजार में तले हुए अन्नपदार्थ बनाने के लिए उपयोग किए जानेवाला खाद्यतेल केवल 3 बार ही व्यापारियों को उपयोग करना चाहिए; परंतु अनेक बार मिठाई व्यापारी और रास्ते के खाद्यविक्रेता खाद्यतेल काला होने तक उसका उपयोग करते है, इसलिए नागरिक सतर्क रहकर तले हुए खाद्यपदार्थों का सेवन करें । पैकबंद पदार्थ लेते हुए भी उसके घटक, उन पदार्थों की ‘एक्स्पायरी डेट’ इत्यादि जांचकर ही वह पदार्थ लें । वर्तमान में चाइनीज पदार्थों में, साथ ही कुछ पैकबंद पदार्थों पर बडी मात्रा में ‘अजिनोमोटो’ का उपयोग किया जाता है । अजिनोमोटोयुक्त पदार्थों का सेवन शरीर के लिए हानीकारक होता है, जिससे आंतडियों के विकार, एसिडिटी, पचन का कष्ट होता है । इसलिए नागरिक ऐसे पदार्थों का सेवन करना संभवत: टालें । नागरिकों को किसी भी प्रकार की मिलावट ध्यान में आने पर ‘FSSAI’ के केंद्रीय विभाग को 1800112100 और महाराष्ट्र में 1800222365 टोल फ्री क्रमांक पर शिकायत करें । ‘FSSAI’ को दूरभाषद्वारा, ऑनलाइन अथवा प्रत्यक्ष पत्रव्यवहार द्वारा भी शिकायत कर सकते हैं । तदुपरांत ‘खाद्य सुरक्षा दल’ के अधिकारी शिकायतकर्ता को कार्यवाही के विषय में यथोचित जानकारी देते हैं ।
आपका,
*अधिवक्ता नीलेश सांगोलकर,*
समन्वयक, सुराज्य अभियान (संपर्क क्र.: 95959 84844)