सन 1987 से आज तक सुगिरा गांव में चोरी की कई घटनाएं बनी अनबूझी पहेलियाँ-जिम्मेदार अफसर निष्क्रिय

सन 1987 से आज तक सुगिरा गांव में चोरी की कई घटनाएं बनी अनबूझी पहेलियाँ-जिम्मेदार अफसर निष्क्रिय
महोबा/महोबा जिला के निष्क्रिय अफसरों ने वेशर्मी की सभी हदें पार कर दी हैं ।
आपको ज्ञात हो कि सन 1987 में हुए श्री जुगल किशोर जु मूर्ति चोरी काण्ड सुगिरा में चोरों द्वारा बड़ी सफलता हाशिल की गयी थी जिसके अनावरण करने में सन 19 87 से आज तक कानून के हाथ बौने बने हुए हैं नतीजन चोरों के हौशले इतने बुलंद हो गए कि चोरों द्वारा तब से लेकर आज तक लगातार एक न एक चोरी की वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है और पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है।
पुष्पेंद्र सिंह यादव चोरी काण्ड अनबूझी पहेली बाजार मंदिर मूर्ति काण्ड रहस्य मयी काली चरण कुशवाहा चोरी काण्ड अन सुलझी गुत्थी इसी तरह अन्य कई चोरी की घटनाएं हैं जो पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है।
किन्तु लगातार कई बार चोरी काण्ड के अनावरण न होने की खबरें प्रकाशित करने के वावजूद भी एक ओर जहाँ पुलिस गांधी बंदर बनी हुई है तो वहीं जिले के अन्य जिम्मेदार अफसर भी निष्क्रिय बने हुए हैं ।
नतीजन सन 19 87 से आज सुगिरा गांव की अनेकों चोरियों इन निष्क्रिय वेशर्म अफसरों की वेशर्मी की पुष्टि कर रहीं हैं।

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