गणेश वंदना
!! गणेश वंदना !!
विधा- चौपाई।
हे गिरिजासुत दीनदयाला।
निज भक्तन पर होहु कृपाला।।
करहु कृपा हर लो सब माया।
चरण शरण हूं हे गणराया।।
शंभु तनय गजबदन गजानन।
प्रथम पूज्य प्रभु जग बंदन।।
दीनदयाल कृपालु गणेशा। भक्त शरण है हरहु कलेशा।।
रिद्धि सिद्धि के तुम हो स्वामी।
संकटमोचन अंतरयामी।।
हे गजमुख हे गिरिजा नंदन।
निज भक्तन के दुख भव भंजन।।
करहु नाथ तुम मूष सवारी।
भाव भंगिमा लगती न्यारी।।
दिवस चतुर्थी के तुम जाए।
भादौं मास पुनीत सुहाए।।
@मौलिक सृजन:
©®श्रीनिवास शुक्ला “श्री”