तीज का महत्त्व

तीज का महत्त्व

त्योहारों का देश है भारत देश अपना,
सब हो सुखी और संपन्न हो सुखमय सपना।
पावन भादो मास में आया एक त्यौहार,
हरितालिका तीज का व्रत आया देखो बहना।।

निर्जला उपवास से शांति की ज्योति जले,
भोले की आराधना से मन को सुकून मिले।
गौरव गाथा नारी की एक सोपान बने,
गौरी की श्रद्धा से शंभू का मान बढ़े।।

धैर्य की परीक्षा है श्रद्धा भाव पहुंचे गगन,
प्रस्फुटित हृदय में हो प्रतिपल नेह के कण।
धरती की सभी नारियां करें सोलह श्रंगार,
जय घोष और भजन से गूंजा है गगन।।

माटी से गढ़ी आज प्रतिमा विरुपाक्ष की,
दूध, घृत, फल और मेवा से वंदना रुद्राक्ष की।
अंतर्मन में पिया का ध्यान रहे सदा,
सात फेरों के सातों वचन की घड़ी परीक्षा की।।

सौभाग्य रहे अमर सबका बढ़े प्रतिपल मान,
शिव शंभू की आराधना से कन्या मांगे वरदान।
मां गौरा आशीष दे पूर्ण हो सबके काज,
जगत नियंता जगत पिता दें सुखमय जीवन का वरदान।

स्वरचित
नम्रता श्रीवास्तव (प्र०अ०)
प्रा०वि० बड़ेहा स्योंढ़ा
क्षेत्र -महुआ, जिला- बांदा

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