चोरों की है बल्ले बल्ले, सोते सब रखवाले हैं।

ताटंक छंद
विषय-(सत्य घटना
पर आधारित)
1-
चोरों की है बल्ले बल्ले,
सोते सब रखवाले हैं।
कुम्भकरण से साहब सोते,
मनके काले काले हैं।।
बीस वर्ष से चोरी जारी,
टूटे देखे ताले हैं।
मंदिर में भी चोरी करते,
चोर बड़े मतवाले हैं।।
2-
ढीला है कानून देश का,
अफसर गांधी बन्दर हैं।
चोरों से है गहरा नाता,
कारक इनके अंदर हैं।
मूरत चोरी करते पापी,
सूने सूने मंदिर हैं।
जन जन जानें सच्ची बातें,
राज महल भी खंडर हैं।
3-
खोल सके मत पिछली चोरी,
फिर से चोरी जारी है।
खोलें कैसे साहब चोरी,
इसमें हिस्सेदारी है।।
जेवर नगदी चोरी करके,
चुप्पी साहब धारी है।
सुगिरा की है ताजी घटना,
चोरी अब भी जारी है।।
4-
कलम स्याही सूख गई है,
या फिर पन्ना काला है।
सोते कलम कार भी देखे,
लगा कलम पर ताला है।।
प्रभुपग कहते सच्ची सच्ची,
भरा कीच से नाला है।
हीरा सी लगती है माया,
पाप पुष्प की माला है।।
—————————-
प्रभुपग धूल
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश

 

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