निशिपाल छंद आधारित बह्र

निशिपाल छंद
आधारित बह्र
15 वर्ण
पिंगल सूत्र-
भ ज स न र
(211 121 11 2 111 212)
आज सरिता लहरती निरखने लगे।
फूल जल की लहर में बिखरने लगे।।

बूँद जल की बरस के बहकने लगी।
रूप उनका नज़र के ठहरने लगे।।

तेज बिजली गगन में चमकने लगी।
मेघ नभ में उमड़ के बरसने लगे।।

आज दिल में गजब की लहर छा गई।
आज उनको निरख के मचलने लगे।।

आस दिल में अजब सी मिलन की भरी।
बीच जल में उतर के उछलने लगे।।

ख़्वाब दिल में लिपटके उलझते रहे।
नींद भरके लहर में ठुमकने लगे।।
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प्रभुपग धूल
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश

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