राखी का त्यौहार
शीर्षक – राखी का त्यौहार
आया राखी का त्यौहार,
खुशियाँ लाया ढेर अपार।
नहीं रहे कलाई सूनी,
बलाएँ लेतीं बहनें दूनी ।
उमंग-लहरें दौड़ कर आए,
बहनें पूजा थाली सजाए।
उतारे आरती लगाए टीका,
भाई के आगे सब है फीका।
बढ़ाई कलाई बाँधी राखी,
नैनो में सजती सुंदर झाँकी।
कितना पावन है ये त्यौहार,
लुटाया भाई ने बहन पे प्यार।
सरहद पर खड़े हमारे भाई जवान,
उनका रखेंगे हम सब मिलकर मान।
उन तक पहुँचे स्नेह की डोर,
प्रेम देख वो होते भाव विभोर।
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स्वरचित- *रश्मि शुक्ल*
रीवा (म.प्र.)