जोगीरा सारा रा रा रा–
जोगीरा
सारा रा रा रा–
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न्याय विभाग भी कितना ढीला,
बचते देखे चोर।
जुगल किशोर मामला ढीला,
नचते मनके मोर।।
जोगीरा सारा रा रा रा—
नहीं छोड़ते ईश्वर को भी,
पैसों की मन चाह।
तोड़ मूर्तियाँ हीरा बेंचे,
बोलो प्रभुपग वाह।।
जोगीरा सारा रा रा रा—–
चोरों से है गहरा नाता,
छुपी हुई है बात।
चाँद चमकते दुष्ट जनों के,
छाई काली रात ।
जोगीरा सारा रा रा रा—–
न्याय करेगा कौन बताओ,
सोते हैं महराज।
सोता हाथी कौन जगाए,
पागल है गजराज।।
जोगीरा सारा रा रा रा—–
बीस वर्ष से अधिक गुजारीं,
माने राजा हार।
भूल गए हैं बात हमारी,
समझें साहब भार।।
जोगीरा सारा रा रा रा—–
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प्रभुपग धूल
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश