विधा-मनहरण घनाक्षरी
विधा-मनहरण घनाक्षरी
*सृजन शब्द-रक्षाबंधन*
रक्षाबंधन त्यौहार,
झूमे खुशी द्वार द्वार,
हर्ष और स्नेह लिये,
*जाते हम मान से!*
बहनों की प्यारे भाई ,
खुशियाँ हजार लाईं,
रिश्ता अनोखा है यह,
*कहे हम शान से ।*
राजा भैया प्यारा मेरा ,
सुखी हो जीवन तेरा,
याद आता हमें वो भी,
*प्यारा हमें जान से ।*
हो ना उसे कोई गम,
सुखी रहे हरदम,
सदा शुभ काज करें,
*फैले यश दान से ।*
स्वरचित/मौलिक/अप्रकाशित
योगिता चौरसिया “प्रेमा”
मंडला म.प्र.