आजादी

*आजादी*
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आजादी हमको मिली , प्राण तजे जब वीर।
भारत योद्धा शौर्य से , लिखे नई तकदीर।
लिखे नई तकदीर , देश पर मिटने वाले।
भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु फंदा डाले।
कह स्वतंत्र यह बात , देश पर जान लुटा दी।
करे प्राण बलिदान , तभी पाए आजादी।।

आजादी चाहे सदा , युवा मान आजाद।
तिलक , बोस , गाँधी करे , सतत् शंख से नाद ।
सतत् शंख से नाद , शत्रु तब थर- थर काँपें।
आया नव यह जोश , स्वयं ही मंशा भाँपे।
कह स्वतंत्र यह बात , धरा थी तब अवसादी।
बेटे वीर महान , छीन लाए आजादी।।

आजादी की अलख का , मंगल पाण्डे नाम।
चिंगारी शोला बनी , दिखा दिया अंजाम।
दिखा दिया अंजाम , विरोधी लोहा माने।
जले ब्रिटिश इस आग , स्वयं को लगे बचाने।
कह स्वतंत्र यह बात , साथ देखे आबादी।
भागे वो इंग्लैंड , जीत स्वर्णिम आजादी।।
*मधु शंखधर ‘स्वतंत्र*
*प्रयागराज*

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