तिरंगा
—— तिरंगा —–
आज तिरंगा ने रचा , एक नया इतिहास ।
सीना तनता गर्व से , होंठो पर मृदुहास ।।
होठों पर मृदुहास , तरंगित होती गंगा ।
लाल किला की शान ,फहरता आज तिरंगा ।।
नमन तिरंगा को करें , अपना सीना तान ।
हम सबकी यह शान है , भारत की पहचान ।।
भारत की पहचान , देखकर है मनचंगा ।
स्वतंत्रता का पर्व , तुझे है नमन तिरंगा ।।
जान तिरंगा जानिए , मान तिरंगा जान ।
प्रीत तिरंगा मानिऐ , रीत तिरंगा ज्ञान ।।
रीत तिरंगा ज्ञान , विंध्य हिंमाचल बंगा ।
सबका है प्रिय प्राण , विश्व की जान तिरंगा ।।
हाथ तिरंगा से सजे , गढ़े कई प्रतिमान ।
वीर शहीदों को नमन , करता हिंदुस्तान ।।
करता हिंदुस्तान , नहीं कर हमसे पंगा ।
होगी अपनी जीत , रखे जो हाथ तिरंगा ।।
——– रामनाथ साहू ” ननकी ”
मुरलीडीह ( छ. ग. )