दोहा-

दोहा-
1-
राम भक्त उठ जागिए,
रघुवर का ले नाम।
काल शीश का टालिए,
आए तेरे धाम।।
2-
मंगल मंगल कीजिए,
मंगल में ही सार।
मंगल को ही जन्म ले,
प्रकटे पालन हार।
3-
कष्ट मिटाते भक्त के,
वीर वली हनुमान।
हर पल रहते साथ में,
मेरा ऐ अनुमान।।
4-
पंच शीश हैं आप के,
पाँचों में हैं राम।
सीना चीरा हाथ से,
तनमें प्रभु का धाम।।
5-
राम जानकी जान हैं,
लखन लाल हैं शान।
राम अंग हनुमान हैं,
करलो हरि गुण गान।
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प्रभुपग धूल
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश

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