कलम कार अब क्या करे, भारी जंगल राज।

दोहा मुक्तक
(सत्य घटना)
1-
कलम कार अब क्या करे,
भारी जंगल राज।
सत्य दौड़ता डगर में,
ठोकर मारी आज।।
चित्र कूट की बात है,
संजय राणा नाम।
संकट भारी शीश पे,
प्रभुपग आती लाज।
2-
सूर्य सत्य का डूबता,
सतकी सूखी धार।
कलम कार की बात है,
लगते इनको भार।।
पापी के मन पाप था,
मनमें भारी मैल।
टक्कर मारी जोर से,
जारी है उपचार।
———————–
प्रभुपग धूल
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश

http://indianlivetv15.blogspot.com/2021/08/indian-live-tv-247-hindi-news-channel_149.html

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *