भारत का धर्म
भारत का धर्म
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मेरा अपना धर्म
वसुधैव कुटुंबकम
जाति पाति से दूर
निंदा नफरत से मुक्त
प्रेमभाव, सद्भाव
आपसी सामजस्य
समान अधिकार
ऊँच नीच का भेद नहीं
सर्वहितकारी व्यवहार, कार्य
सर्वोपरि है देश हित
जन जन में विश्वास
एक दूजे के हितचिंतक
सर्व समाज, संसार हित भाव
हर जन के मन के भाव
ये ही हम सबका धर्म
हर भारतवासी का धर्म
ये ही है भारत का धर्म।
✍ सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा, उ.प्र.
8115285921