मालिक

मालिक
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ऐ मालिक क्या लिखूं मैं तेरे बारे, में तू सर्वशक्तिमान है।
तीनों लोकों में तेरे नाम की यश-कीर्ति है ।
सृष्टि के कण कण में तेरा वाश हैं,
इस सुंदर संसार की उत्पत्ति तूने की ।
इस पृथ्वी पर सूर्य चंद्रमा अनगिनत तारों की संख्या ,
सब तेरी ही रचना का एक आकार हैं ।
इस संसार में मानव को जीवन जीने का अधिकार दिया ,
सब के दुखों को तू हर्ता है
सबकी खुशियों में तू शामिल रहता है ।
प्रभु ये तेरा ही चमत्कार हैं की, धरती पर धर्म संस्कृति व्याप्त हैं।
पेड़ पत्ते फूल शाखाएं खिल रहें, खेतों में फसलें लहरा रही।
सब तेरी ही दया का उपकार है भोलें।
अपनी रहमत का करम बनाये
रख ये मालिक तू ही महान।
तेरी भक्ति को करके मिल जाए मुझे चारों धाम ।
ये तेरी ही कृपा का वरदान हैं,
तू ही शर्वशक्तिमान है तू ही महान है ।
ये दुनिया तेरे नाम से चल रही
ये तेरी ही कृपा का आशीर्वाद है।
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[$]=✍️ शैलेन्द्र पयासी
युवा लेखक विजयराघवगढ़ कटनी मध्यप्रदेश

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