महामुलिया पर्व पर बच्चों में दिखा खासा उत्साह,,
महामुलिया पर्व पर बच्चों में दिखा खासा उत्साह,,
,,गौरहरी ,,महोबा
महामुलिया पर्व के बारे में पंडित नरेंद्र पटैरिया ने बताया कि ये पर्व हिन्दू धर्म के अनुसार क्वार महीने के पहले दिन परीवा से शुरू होता है पूरे पंद्रह दिन चलता है इसमें जो बच्चे होते है उनको इस पर्व के प्रति खासा उत्साह रहता है इसमे कांटो में फूल सजाए जाते है औऱ बच्चे महामुलिया के मनाने के लिए गीत भी गाते है मान्यता ये भी है कि महामुलिया एक देवी थी जिसको मनाने के लिए बच्चों द्वारा इस पर्व को मनाया जाता है इस पर्व पर कई तरह की मान्यताएं है खासतौर से ये पर्व बुंदेलखंड के ग्रामीण छेत्रो में ज्यादा मनाया जाता है कुछ लोगो का ये भी कहना है कि कांटो में जो फूल सजाए जाते है वो एक बुराई को दूर करने की परंपरा है जो मनुष्य के अंदर एक दूसरे के प्रति व्यमनुसता फैली हुई है उसकी तरफ भी एक सन्देस जाता है
गौरहरी गांव में भी बच्चों द्वारा महामुलिया पर्व पर खासा उत्साह देखने को मिला जिसमे समीछा मिश्रा ,नेन्सी ,प्रशि मिश्रा ,रागनी ,श्रष्टि ,मुस्कान ,दीक्षा ,अंजलि ,लक्ष्मी ,मिष्ठी ,प्रतीक्षा आदि बच्चे शामिल रहे