तुम बिन
तुम बिन
तुम बिन मुझको कुछ न भाता,
ऐसा है ये साथ हमारा।
सूने- सूने इस जीवन में
तुम उमंग की बहती धारा।
तुम बिन……..
तुम बिन जीवन मरुथल जैसा,
दूर कहीं हो जल की धारा।
पल-पल बिरह आग में जलता,
जैसे हो कोई बंजारा।
तुम बिन…….
तुम बिन मौसम नहीं सुहाने,
सावन लगता सूखा सारा।
तेरी- मेरी प्रीत अनोखी,
सबसे सुंदर साथ हमारा।
तुम बिन….
तुम बिन आंखें नीर बहातीं,
हर पल मन ने तुमको पुकारा।
दूर होकर पास रहे तुम,
लगते हो अहसास प्यारा
तुम बिन….