क्या विकास है,जीत का पासपोर्ट

क्या विकास है,जीत का पासपोर्ट
————– ————— ————-
राकेश कुमार अग्रवाल

कुछ माह बाद फिर से तमाम राज्यों के विधानसभा चुनावों का ऐलान होने जा रहा है . चुनावों को लेकर सत्तारूढ और विरोधी सभी दलों में सत्ता में वापसी को लेकर कशमकश का दौर जोरों पर है . नए समीकरणों पर चिंतन मंथन चल रहा है . एक तरफ मतदाताओं को रिझाने के लिए नए नए वादों व नई नई योजनाओं वाले चुनावी घोषणा पत्रों पर तेजी से काम चल रहा है . जातियों को साधने की कवायद भी जोरों पर है इन्हीं सब के बीच में सत्तारूढ दल पिछले पांच सालों में कराए गए विकास कार्यों के बल पर भी वोट मांगने के लिए जनता की अदालत में इस दावे के साथ जाएगी कि उसने सूबे में विकास की गंगा बहा दी . लेकिन सवाल यह है कि क्या केवल विकास के नाम पर मतदाता सरकार को चुनने न चुनने का निर्णय लेगा ?
बीते तीन दशकों से राजनीति में हुकूमत चलाने के मानदण्ड व जनाकांक्षाओं में तेजी से बदलाव आया है . अब सब चलता है वाले रवैए का दौर खत्म हो गया है . चलताऊ व शिगूफे वाली राजनीति के दौर लद गए हैं . सत्ता की कमान संभालने वाली पार्टी को न केवल काम करना पडेगा बल्कि काम करते हुए दिखना भी पडेगा .
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार दूसरी पारी खेलने के लिए कोई भी कसर छोडना नहीं चाहती है . यही कारण है कि योगी सरकार हिंदुत्व – राष्ट्रवाद , विकास और समीकरणों को साधने की तिहरी रणनीति पर काम कर रही है . ताकि फिर से लखनऊ की राह आसान हो सके .
सबसे बडे प्रदेश में सबसे ज्यादा खतरे के बावजूद जिस तरह से कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण किया गया यह एक बडी उपलब्धि रही है योगी सरकार की जिस की प्रधानमंत्री से लेकर वैश्विक स्तर पर भी तारीफ हुई है . आवागमन परिवहन क्षेत्र में योगी सरकार का प्रदर्शन काबिलेगौर रहा है . पूर्वांचल एक्सप्रेस वे , बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे , गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस वे , गंगा एक्सप्रेस वे का बहुत तेजी से निर्माण कराया जा रहा है ताकि चुनावों में इसे सरकार की बडी उपलब्धि के रूप में भुनाया जा सके . योगी सरकार प्रदेश में लगभग 15000 किमी. सडकों का निर्माण करा चुकी है . 14160 किमी. सडकों का चौडीकरण एवं सुदृढीकरण किया गया है . 339698 किमी. सडकें गड्ढामुक्त की गई हैं . कानपुर और आगरा मेट्रो परियोजना का काम शुरु हो गया है . इसके अलावा 10 शहरों में मेट्रो परियोजनायें प्रस्तावित हैं . प्रदेश में पांच एक्सप्रेस वे के अलावा 5 अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों वाला उत्तर प्रदेश देश का इकलौता राज्य बनने वाला है . युवाओं को रोजगार दिलाने को नाम पर योगी सरकार के पास कहने को बहुत कुछ है . पुलिस विभाग में साढे चार लाख , बेसिक शिक्षा में 69000 , प्रधानमंत्री रोजगार सृजन में 43118 लोगों को रोजगार , 60 लाख लोगों को स्वरोजगार , एक करोड 60 लाख लोगों को निजी क्षेत्र में नौकरी , 3 लाख युवाओं को संविदा पर सरकारी सेवा में व 4 लाख 25 हजार लोगों को सरकारी नौकरी देने का सरकार ने दावा किया है .
इंडिया स्मार्ट सिटीज अवार्ड 2020 में यूपी ने देश में पहला स्थान प्राप्त किया है . सौभाग्य योजना में 1 करोड 38 लाख घरों को नि: शुल्क बिजली कनेक्शन देकर देश में पहला स्थान हासिल करना हो या फिर सर्वाधिक कोरोना जांच व सबसे ज्यादा टीकाकरण करने , सैनिटाइजर उत्पादन में यूपी ने पहला स्थान हासिल किया है . प्रदेश में 30 नए मेडीकल कालेजों का निर्माण हो रहा है जिससे यूपी मेडीकल शिक्षा का हब बनने की ओर अग्रसर हो रहा है . 2 करोड 61 लाख शौचालयों का निर्माण कराकर यूपी ने देश में पहला स्थान हासिल किया है . सूक्ष्म , लघु एवं मध्यम उद्योगों की स्थापना में यूपी देश में अव्वल रहा है .
कहने का आशय यह है कि यूपी के पास कहने व चुनाव प्रचार के दौरान जनता को बताने के लिए बहुत कुछ है . लेकिन सच यह भी है कि अखिलेश सरकार में भी जमकर विकास कार्य हुए थे लेकिन जब चुनाव की बात आई तो अखिलेश सरकार कुर्सी और सत्ता नहीं बचा सकी और बुरी तरह पराजय का उसे सामना करना पडा था .
दरअसल हार जीत में सरकार का काम जितना मायने रखता है उससे कहीं ज्यादा वे सत्ता समीकरण भी मायने रखते हैं जिनके माध्यम से चुनावी बिसात बिछाई जाती है . यूपी में जातियों की गणित बडा फैक्टर है जिसकी अनदेखी नहीं की जा सकती है . जातियों की गणित बिठाना व ध्रुवीकरण की कोशिशों के बिना सत्ता के शिखर तक पहुंचना आसान नहीं होता है . इसलिए योगी सरकार को इस मुगालते में रहने की जरूरत नहीं है कि वह केवल विकास के दम पर दोबारा सत्ता हासिल कर लेगी । सभी पार्टियों के पास अभी 6 माह का वक्त है अपनी रणनीति को धार देने के लिए . यही रणनीति सत्ता का फाईनल मुकाबला तय करेगी ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *