आदत सुधार लो
आदत सुधार लो
सत्पथ पर चल बंदे,
आदत अपनी सुधार लो।
निंदा से बच तू बंदे,
सन्मार्ग तुम अपना लो।।
अच्छाई का पथ है सुहाना,
इसे कभी ना तुम घबराना।
राह में आएं कई बाधाएं,
पर तुम हिम्मत ना हारना।।
प्रात: उठकर नित्य कर्म कर लो,
योगा करके ईश- नमन कर लो।
माता-पिता का बंदन करके,
आदत अपनी सुधार लो।।
ईश्वर का वरदान है यह जीवन,
परोपकार में करो जीवन अर्पण।
होगा जो करम कृपा निधान का,
माया जाल से होगा तुम्हारा तर्पण।।
कर्म की गठरी संवार प्यारे,
धन दौलत सब उपकार में वारे।
करेंगे जो श्रेष्ठ कर्म हम सब,
अच्छी आदतों के रहेंगे सदा सहारे।।
नम्रता श्रीवास्तव (प्र०अ०)
प्रा०वि० बड़ेहा स्योंढ़ा
क्षेत्र- महुआ, जिला -बांदा