विषय_एक शाम तेरे नाम

विषय_एक शाम तेरे नाम

दिल की मेरी तमन्ना है,
करूं एक शाम तेरे नाम,
अरमान भी जाग गए हैं,
कबूल करना था सरेआम।

तू मेरी सांसों में ऐसे बसा है,
जैसे जीने का मतलब मिला है,
फुर्सत हो कभी तो आना प्रिये,
इश्क का चढ़ा अब मुझे नशा है।

हो जाए एक शाम सुहानी सी,
बनूं मैं मीरा दीवानी सी,
बस मैं हूं ,तुम हो, और तन्हाई सी,
मौन से मौन की अनकही कहानी सी।

राधा कृष्ण जैसा हो इश्क अपना,
काश पूरा हो इतना ही सपना,
तेरा ख्याल दिल से जाता नहीं,
अस्बाह करूं अब इंतजार कितना।

ख्वाहिश जो दिल की पूरी हो जाती ,
सफर में हमसफर से मुलाकात हो जाती ,
हसीन होता मंजर मेरे जीवन का,
गर नजरों से नजरों की बात हो जाती।

नम्रता श्रीवास्तव(प्र०अ०)
प्रा०वि० बड़ेहा स्योंढ़ा
क्षेत्र -महुआ, जिला -बांदा(उत्तर प्रदेश)

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