*शारदे काव्य संगम मंच के उत्थान हेतु किया गया नवीन संचालकों तथा समीक्षकों का मजबूत गठन
*शारदे काव्य संगम मंच के उत्थान हेतु किया गया नवीन संचालकों तथा समीक्षकों का मजबूत गठन*
शारदे काव्य संगम मंच के संस्थापक आदरणीय रोहित चौरसिया जी और संरक्षक आदरणीय शैलेन्द्र पयासी जी और अध्यक्षा आदरणीया व्यंजना आनंद ‘मिथ्या’ जी के अथक प्रयासों का नतीजा है कि आज *शारदे काव्य संगम* मंच एक नवीन ऊँचाई की ओर अग्रसर है । मंच के संचालन मंडल में उपाध्यक्ष के पद पर आदरणीय राजकुमार छापड़िया जी को शामिल किया गया । सचिव के पद के लिए आदरणीया निरामणी श्रीवास नियति जी का चयन किया गया । तकनीकी सहायक का पद आ. अमित टंडन अनभिज्ञ जी को मिला और पटल संचालिका का कार्यभार आदरणीया दीपिका रुखमांगद दीप जी ने संभाल लिया है।
शारदे काव्य संगम मंच पर कलमकारों द्वारा नित्य जोर शोर से लेखन कार्य किया जाता है । नित दिन एक नवीन विषय पर कवियों द्वारा दोहा, गीत, कुंडलिया, घनाक्षरी, गद्य लेखन आदि विधा पर नवीन सृजन किया जाता है और साथ ही साथ पटल पर समीक्षकों द्वारा उन कवियों की लेखनी में धार लगाया जाता है । बिलासा छंद महालय के संस्थापक आदरणीय रामनाथ साहू ‘ननकी’ जी द्वारा कुंडलिया की सूक्ष्म समीक्षा की जाती है । गीत लेखन की समीक्षा आदरणीया इंद्राणी साहू ‘साँची’ जी करती हैं । दोहा की समीक्षा करना आदरणीय राजकुमार छापड़िया जी की जिम्मेदारी है । गद्य लेखन कि समीक्षा का भार आदरणीय ओमप्रकाश ओम जी के कंधे पर है ।
वीडियो की समीक्षा स्वयं संस्थापक आदरणीय रोहित चौरसिया जी और संरक्षक आदरणीय शैलेन्द्र पयासी जी कर रहे हैं । घनाक्षरी की समीक्षा की जिम्मेदारी आदरणीय चंद्र प्रकाश चंद्र जी के पास है । चित्राधारित सृजन की समीक्षा आदरणीया व्यंजना आनंद मिथ्या जी द्वारा होती है जिसमें कई विधाओं के छंद पटल पर बिखर जाते हैं ।
नित्य शाम 6.00 बजे से रात्रि 10.00 बजे तक मुक्तकाल की समीक्षा आदरणीय रानू मिश्रा जी और आदरणीया दीपिका रुखमांगद दीप जी द्वारा किया जाता है ।
सीखने और सिखाने के उद्देश्य को लेकर शुरू किया गया शारदे काव्य संगम मंच मातृभाषा हिंदी का प्रचार और प्रसार ही नहीं कर रहा वरन हिंदी साहित्य में रुचि रखने वाले नवयुवकों को काव्य के अनेक विधाओं की सूक्ष्म जानकारी देकर उनकी लेखनी में एक नई ऊर्जा का संचार करता है ।