समय
“”समय””
समय बड़ा बलवान,
इससे ना कोई गतिमान,
इसके अजब निराले रंग,
अच्छे बुरे की कराए पहचान।
राजा को रंक यह बनाए,
राम जी को वन यह पठाए,
हरिश्चंद्र की सबने कहानी सुनी,
इससे कोई बच ना पाए।
समय का सबसे कहना है,
जीवन तो चलते रहना है,
इसको मत बर्बाद करो,
सदा काम की बात करो।
समय बीत जाने पर पछताओगे,
अच्छा समय दोबारा कब पाओगे,
जो ना पहचाने समय का मोल,
जीवन में फिर क्या कर पाओगे।
आगे तुमको अगर बढ़ना है,
समय का महत्व पहचानना है,
जग में ऊंचा नाम करोगे,
समय व्यर्थ नहीं करना है।
स्वरचित
नम्रता श्रीवास्तव (प्र०अ०)
प्रा०वि० बड़ेहा स्योंढा
क्षेत्र-महुआ, जिला-बांदा (उत्तर प्रदेश)