कुंडलिया
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गोरी बोलीं प्रेम से,आओ मेरे श्याम।
हरपल रहना साथ में,चाहे बीते शाम।।
चाहे बीते शाम,आप हो मेरा गहना।
निसदिन लेती नाम,मान लो मेरा कहना।।
प्रभुपग प्यारा धाम,बात सच मानो मोरी।
मत रह मुझसे दूर,सुनो मैं तेरी गोरी।।
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प्रभुपग धूल
लक्ष्मी कान्त सोनी
महोबा
उत्तर प्रदेश