कुसुमित कुण्डलिनी

कुसुमित कुण्डलिनी —-
09/07/2021

 

—— परिचय —–

परिचय इतना जान लो , मैं ईश्वर संतान ।
लक्ष्य बनाया है सदा , करना कार्य महान ।।
करना कार्य महान , रहूँगा हरपल निर्भय ।
लक्ष्यवान उत्कृष्ट , जानिए मेरा परिचय ।।

परिचय मेरा पूछता , पहले अपना जान ।
कोई तुझको कह रहा , सुन लो अपने कान ।।
सुन लो अपने कान , नवल कुछ करना प्रविचय ।
स्वर्ण पटल पर आज , चलो लिख देंगे परिचय ।।

परिचय उससे जब हुआ , जाना उसका हाल ।
बाहर से चंगा भला , अंदर भरा कुचाल ।।
अंदर भरा कुचाल , किया फिर हमने निश्चय ।
आगे पूर्ण विराम , बढ़े मत ज्यादा परिचय ।।

परिचय को मोहताज था , वह अब है मशहूर ।
ऐसा लगता है मुझे , जाता मुझसे दूर ।।
जाता मुझसे दूर , ले गया जो था संचय ।
नौबत आई आज , अलग है उसका परिचय ।।

 

——– रामनाथ साहू ” ननकी ”
मुरलीडीह ( छ. ग. )

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