समस्त पत्रकार जगत की विभूतियों का आवाहन करता हूँ, उठो जागो एक स्वर में आवाज़ बुलंद करो “आज पत्रकारिता ख़तरे में है”

*समस्त पत्रकार जगत की विभूतियों का आवाहन करता हूँ, उठो जागो एक स्वर में आवाज़ बुलंद करो “आज पत्रकारिता ख़तरे में है”*

*क्या कलम को कलम करने की साज़िश की जा रही है*

*बिना जाँच के एक अपराधी को पत्रकार का ताज़ पहना रही एटा पुलिस*

*पत्रकारिता जैसे पवित्र कार्य को निशाना बनाया जा रहा है। इस कृत्य की मैँ घोर निंदा करता हूँ।*

*इतना होने पर भी जो रगों में न खोले, रक्त नहीं वो पानी है। अपने हक़ की बात जो न कह पाए, वो मुर्दा की निशानी है।।*

कल बबलू चक्रवर्ती के प्रतिनिधित्व में श्रीमान वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक महोदय एटा को ज्ञापन देने के लिए पत्रकार जगत का आवाहन करता हूँ।

*पत्रकार आदित्य कुमार सक्सेना

पत्रकार स्वयं सहायता समूह द्वारा प्रेषित

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