सावन का महीना

शीर्षक- सावन का महीना

 

आया सावन छाई हरियाली,
फूल खिले डाली डाली।
अमवा पक गए हैं पेड़ों पर,
सखी ऋतु सावन की आई मतवाली।।

सुहाने मौसम में बादलों की गर्जन,
देख के यह मौसम झूमे तन -मन।
भर गए हैं देखो ताल तलैया,
तृप्त प्रकृति ने गाए गीत मगन।।

पतझड़ को अलविदा कर डाला है फेरा,
वर्षा ऋतु बांध गई सपनों का डेरा।
उन्मुक्त मन मेरा भींगना चाहे,
रोक दिया मन इंतजार करे तेरा।।

बूंदें जब धरा को तर -बतर कर जाती हैं,
मिट्टी की सौंधी खुशबू मन को भाती है।
खुशनुमा हो जाता है माहौल सारा,
नृत्य करते मयूरा मस्ती छा जाती है।।

खुशी के गीत जब कोयल गुनगुनाती है,
सुरीला सारा समां हो जाता है,
मदमस्त आलम में प्रीतम की याद आए,
मिलन के ख्याल से दिल की धड़कन बढ़ जाती है।।

स्वरचित✍️
नम्रता श्रीवास्तव (प्र०अ०)
प्रा०वि०बड़ेहा स्योंढा
क्षेत्र-महुआ, जिला-बांदा (उत्तर प्रदेश)

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