अब घड़ी सुहानी आई है
आ० सुधीर श्रीवास्तव जी के जन्म दिन पर *कुछ हट कर*
अब घड़ी सुहानी आई है ।
सब के दिल बात समाई है ।।
अपने जो संरक्षक भाई है ।
उन्हें जन्म दिन बधाई है ।।
साहित्य जगत का सितारा।
सबको लगता वह प्यारा ।
व्यवहार उसका है न्यारा ।
कितनो का बना वो सहारा ।।
सघर्षो का एक वो घर ।
किन्तु परन्तु नहीं डर ।
प्रभु से एक इच्छा पर ।
तन को एक दिन तिरंगे में कर ।।
खुशियाँ तो आनी जानी है ।
जिंदगी यह तो लाफ़नी है ।
समझो कुछ तो कहानी है ।
कर्म की बची निशानी है ।।
@अमित कुमार बिजनौरी स्योहरा ,बिजनौर,उ.प्र
स्वरचित
मौलिक