पहरा बेरियल मैं लोकेशन माफियाओं का जाल
पहरा बेरियल मैं लोकेशन माफियाओं का जाल
प्राइवेट लड़के को लगाकर, होमगार्ड लोकेशन माफियाओं से सांठगांठ कर निकलवा रहे पहरा बैरियर से ओवरलोड गाड़ियां
पहरा द्वितीय बैरियर मैं होमगार्ड बना रहता है दिनभर नशे में
खनिज विभाग के अधिकारी जान कर भी अंजान
महोबा जिले की पत्थर उद्योग नगरी कहीं जाने वाली कबरई मे अवैध परिवहन का कारोबार लोकेशन माफियाओं के द्वारा धड़ल्ले से किया जा रहा है, लोकेशन माफिया ओवरलोड गाड़ियां और बिगर मोहर लगी रॉयल्टी को निकालने में आसानी से सफल हो जाते हैं, क्योंकि चेक पोस्ट पर बैठे होमगार्ड 10 रुपए से लेकर 100 रुपए तक प्रति गाड़ी लेते हुए देखे जा सकते हैं, और तो और पहरा खनिज चेक पोस्ट एक पर एक होमगार्ड अपने साथ प्राइवेट तौर से बेरियल में लड़के को रॉयल्टी चेक करने के लिए रखे हुए हैं ,इस लड़कें की तनख्वाह आखिर खनिज विभाग से आ रही है , या होमगार्ड अपनी तनख्वाह से इस प्राइवेट लड़के को दे रहा है, यह एक प्रश्न है ,वही पहरा दूसरे खनिज चेकपोस्ट पर होमगार्ड कर्मचारी को रॉयल्टी चेक करने के लिए लगाया गया है खनिज विभाग की ओर से वह दिन भर नशे में रहता है*
*गौरतलब हो कि कबरई से 15 किलोमीटर दूर पहरा खनिज बेरियल प्रथम और द्वितीय में जिन बाबू और होमगार्डों को रॉयल्टी चेक करने के लिए खनिज विभाग द्वारा लगाया गया है ,वह अधिकांश दिन भर नशा मैं मस्त बने रहते हैं, क्योंकि ओवरलोड गिट्टी के भरी ट्रक रॉयल्टी में मोहर चेक कराने के लिए चेक पोस्ट पर आते हैं , तब वह 10 रुपए से लेकर 100 रुपए तक ट्रकों से वसूलते हैं, अगर एक व्यक्ति की ड्यूटी 8 घंटे की है और 4:00 से लेकर 500 तक अगर गिट्टी भरे ओवरलोड ट्रक अगर पास हो जाते हैं तो मामूली रकम ₹10 के हिसाब से भी तीन से चार हजार बनती है और यह रकम होमगार्ड और बाबू की जेम पर पहुंचती है जिससे यह होमगार्ड दिनभर नशे पर देखे जा सकते हैं क्योंकि ₹10 के हिसाब से भी रकम जब चौगुनी आती है तो स्वभाविक है कि चेहरे के साथ-साथ स्वभाव में परिवर्तित हो जाता है और पैसे का लालच फिर इतना अधिक बढ़ जाता है कि ओवरलोड गाड़ियां निकालने वाले लोकेशन माफियाओं से सांठगांठ होना स्वाभाविक हो जाती है ,और समय रहते अच्छा पैसा मिलता है, तो बाबू और होमगार्ड मिलकर उन गाड़ियों को बगैर मोहर लगाएं और बिगर रॉयल्टी चेक कराएं ओवरलोड गाड़ियों को आसानी से चेक पोस्ट से पास कर देते हैं ,क्योंकि पहरा बैरियल में तीसरी आंख का पहरा नहीं है जब वही ओवरलोड ट्रक बांदा चेक पोस्ट पर या हमीरपुर चेक पोस्ट पर पहुंचते हैं तब तीसरी आंख का पहरा उन पर अपनी गिद्ध नजर गड़ाए रहता है पर लोकेशन माफियाओं का तगड़ा जाल तीसरी आंख को भी शांत होने के लिए मजबूर कर देता है*
*वहीं सूत्रों की माने तो संदीप यादव बाबू के इशारे पर चल रहा बांदा हमीरपुर पहरा के खनिज चेक पोस्ट पर लोकेशन माफियाओं का भारी खेल*
*अब देखने वाली बात यह होगी कि पहरा बैरियर में लगे हुए प्राइवेट गुर्गे और नशे में चूर बैठे होमगार्ड के ऊपर क्या कार्यवाही अमल लाता है जिला खनिज विभाग*
बिहारीलाल गाडगे