भाभी : प्यारी सखी
🌹भाभी : प्यारी सखी🌹
भाभी !!
ज़रा एक बात तो बताओ,
ज़रा मेरी यह उलझन सुलझाओ,
रिश्तों की डोर होती क्या है ??
इसकी मज़बूती कैसे है बनती ??
है शब्दों की गहराई कितनी ??
भाभी !!
ज़रा तुम मुझे यह भी बतलाओ,
सबको अपनाने की राह दिखलाओ,
आपने अबतक कैसे सम्भाला यह सब ??
कैसे सबको अबतक सबसे जोड़े रक्खा ??
नयनों के नीर को कैसे पलकों में थामे रक्खा ??
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गुड़िया रानी !!
तुम तो हो बिल्कुल सयानी,
नहीं कोई ज़रूरत सलाह देने की,
प्यार से रखती हो तुम सबको,
दिल से सबको अपना हो मानती,
प्रेम सबका है यह भी हो मानती।
गुड़िया रानी !!
पूछा है हमसे तो सुनो मेरी यह बात,
बाँध लो अपने पल्लू पर एक गांठ,
रिश्तों की डोर है हमारा प्रेम बन्धन,
इसकी मज़बूती है विश्वास का दामन,
इसकी गहराई है दिल की गहराई।
गुड़िया रानी !!
प्रेम भाव से सबको सहेजना सीखो,
सबको दिल से अपना कहना सीखो,
जब तक रहेगी आँचल में प्रेम की गठरी,
कभी न छाएगी जीवन में ईर्ष्या की बद्री,
न ही छाएगी रिश्तों में कभी दुख की बद्री।
गुड़िया रानी !!
जान लो यह आख़िरी सीख जीवन की,
जब कभी आए जीवन में स्थिति दुविधा की,
दिल की सुन्ना सदा जीवन मे न कि दिमाग़ की,
रिश्तों को सदा ही रखना प्रेम की तराज़ू में,
गाँठ न आने देना कभी खूबसूरत रिश्तों में।
गीतिका पटेल “गीत”
कोरबा, छत्तीसगढ़
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