बाबा मैं हूँ अंश तुम्हारी

🌹बाबा मैं हूँ अंश तुम्हारी🌹

बाबा मैं हूँ अंश तुम्हारी,
मुझको न तुम मरने दो।
सह लूँगी सारी तक़लीफ़ें,
मुझको जन्म तुम लेने दो।

मैं हूँ एक छोटी सी परी,
तुम्हारे नाज़ुक अंश से बनी ?
तुम जो मुझसे रूठ जाओगे,
मेरा अस्तित्व फ़िर कैसे लाओगे ?

बोलो ना बाबा कुछ तो,
मुझे दुनिया में कैसे लाओगे ?
मैं हूँ रूप बेटी का तो क्या,
मुझे यह संसार नहीं दिखाओगे ?

सच कहती हूँ सुन लो बाबा,
बुढ़ापे की लाठी मैं बन जाऊँगी।
आज तुम मुझे सहारा दोगे तो,
कल का हौसला बन जाऊँगी।

गीतिका पटेल “गीत”
कोरबा, छत्तीसगढ़
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