जाने क्या हुआ है यारों, नींद नही आती रातों में।

जाने क्या हुआ है यारों, नींद नही आती रातों में।
कोई तो अपना है शायद, जगा गया जो ख्वाबों में।
दिल को बेचैनी होती है, और जोरों से धड़कता है।
आ जाती है उसकी याद,हर दिन और हर बातों में।

जाने क्या हुआ है यारों……।
कोई तो अपना है शायद………।।

लगता है कोई परी होगी, स्वर्ग की कोई सुंदरी होगी।
कैसा उसका मुखड़ा होगा,जैसे चाँद का टुकड़ा होगा।
मेरे आंखों में समा गयी,जाने कैसे मुझको भा गयी।
मुझको ये एहसास हुआ है,वो रहती है मेरे साँसों में।

जाने क्या हुआ है यारों………
कोई तो अपना है शायद……..

आज उसे पहचान लिया है, कौन है वो जान लिया है।
मैं जिसके लिए तड़पता था, पल-पल आंहें भरता था।
जिसके लिए मन उदास था, लेकिन वो मेरे पास था।
हां-हां वो मेरा ही अपना है, मेरे ही जीवन का सपना है।
जो मुझको जगाता रातों में, आता मेरे हर ख्वाबों में….

जाने क्या हुआ है यारों……….
कोई तो अपना है शायद……..

स्वरचित
[केसरवानी©चन्दन]
कानपुर नगर उत्तर प्रदेश
8090921177

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