अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर समाज सेवी मंजूषा गौतम ने दिया योग करने का संदेश
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर समाज सेवी मंजूषा गौतम ने दिया योग करने का संदेश
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मुस्कान डी्म्स फाउंडेशन ने किया योगासन————
कोरोना से बचना है प्रतिदिन करें योग——————————–अंतरराष्ट्रीय योग दिवस, 21 जून 2021* कटनी जिले की निवासी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित समाज सेवी अधिवक्ता और मुस्कान डी्म्स फाउंडेशन की संस्थापिका मंजूषा गौतम ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर सभी को योगसन करने की सलाह दी । समाज सेवी मंजूषा गौतम ने कहा कि जैसा कि हम सभी जानते हैं कि सभी देशवासी लगभग पूरे 1साल से कोरोना महामारी से जंग लड़ रहे हैं और अभी भी जंग जारी है इस कोरोना ने कितने घर परिवारों को उजाड़ कर रख दिया और इस बीमारी से कितनी मौते हुई हैं हम सभी अच्छे से जानते हैं। लेकिन इस बीमारी से हम सभी को बचना है और अपने और अपने परिवार को सुरक्षित रखना है। आज 21 जून 2021 विश्व योग दिवस पर मध्यप्रदेश टीकाकरण अभियान जगह- जगह चलाया जा रहा है। सभी लोग टीकाकरण जरूर करवाये। किसी भी प्रकार के भ्रम में ना पड़े । अफवाहों को छोड़े और टीका लगवाऐ। साथ ही योग नित प्रतिदिन करें।योग करने से इम्यूनिटी पावर भी बढ़ता है जो कि हमें कोराना महामारी से लड़ने में सक्षम बनाता है। मंजूषा गौतम ने बताया कि मान्नीय मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी के आदेशानुसार जिला प्रशासन कलेक्टर महोदय प्रियंक मिश्रा जी की गाइडलाइन और मुस्कान डी्म्स फाउंडेशन और जन अभियान परिषद के मार्गदर्शन से आज सभी को योगसन करने के लिए में मंजूषा गौतम प्रेरक के रूप में योगसन करने के साथ साथ वैक्सीनेशन करवाने के लिए सभी को प्रेरित करती हूं। सभी लोग वैक्सीनेशन जरूर करवाये।और अपनी दैनिक दिनचर्या में योग को जरूर शामिल करें। मंजूषा गौतम के साथ राजैन्द्र गौतम, जूनियर विराट गौतम, समा्ट गौतम ने योगदान करने के लिए सभी को प्रेरित किया।
मंजूषा गौतम ने बताया कि
अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस प्रतिवर्ष 21 जून को मनाया जाता है। यह दिन वर्ष का सबसे लम्बा दिन होता है और योग भी मनुष्य को दीर्घ जीवन प्रदान करता है। पहली बार यह दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया, जिसकी पहल भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नें 27 सितम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण से की थी जिसमें उन्होंने कहा था कि:
“योग भारत की प्राचीन परम्परा का एक अमूल्य उपहार है यह दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है; मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य है; विचार, संयम और पूर्ति प्रदान करने वाला है तथा स्वास्थ्य और भलाई के लिए एक समग्र दृष्टिकोण को भी प्रदान करने वाला है। यह व्यायाम के बारे में नहीं है, लेकिन अपने भीतर एकता की भावना, दुनिया और प्रकृति की खोज के विषय में है। हमारी बदलती जीवन- शैली में यह चेतना बनकर, हमें जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद कर सकता है। तो आयें एक अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस को गोद लेने की दिशा में काम करते हैं।”
—नरेन्द्र मोदी, संयुक्त राष्ट्र महासभा
जिसके बाद 21 जून को “अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस” घोषित किया गया। 11 दिसम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र के 177 सदस्यों द्वारा 21 जून को “अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस” को मनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली। प्रधानमन्त्री मोदी के इस प्रस्ताव को 90 दिन के अन्दर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया, जो संयुक्त राष्ट्र संघ में किसी दिवस प्रस्ताव के लिए सबसे कम समय है।
योग प्राचीन समय से मनुष्य को प्रकृति द्वारा दिया गया बहुत ही महत्वपूर्ण और अनमोल उपहार है, जो जीवन भर मनुष्य को प्रकृति के साथ जोड़कर रखता है। यह शरीर और मस्तिष्क के बीच सामंजस्य स्थापित करने के लिए, इन दोनों को संयुक्त करने का सबसे अच्छा अभ्यास है। यह एक व्यक्ति को सभी आयामों पर, जैसे- शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और बौद्धिक स्तर पर नियंत्रण के द्वारा उच्च स्तर की संवेदनशीलता प्रदान करता है।
स्कूल और कॉलेज में विद्यार्थियों की बहतरी के साथ ही पढ़ाई पर उनकी एकाग्रता को बढ़ाने के लिए योग के दैनिक अभ्यास को बढ़ावा दिया जाता है। यदि योग को नियमित रुप से किया जाए तो यह दवाईयों का दूसरा विकल्प हो सकता है। यह प्रतिदिन खाई जाने वाली भारी दवाईयों के दुष्प्रभावों को भी कम करता है। प्राणायाम और कपाल-भाति जैसे योगों को करने का सबसे अच्छा समय सुबह का समय है, क्योंकि यह शरीर और मन पर नियंत्रण करने के लिए बेहतर वातावरण प्रदान करता है।
*आओ करें योग-रहें नीरोग।*
*स्वस्थ रहें-सुरक्षित रहें।।*
मीडिया रिपोर्टर-शैलेन्द्र प्यासी ( युवा लेखक -पत्रकार)
विजयराघवगढ़,कटनी,मध्यप्रदेश