मेरे जीवन की रेखा‌ को तुम ने बदल दिया पापा

* मेरे पापा *
मेरे जीवन की रेखा‌ को तुम ने बदल दिया पापा ।
कल तक मैं अकेला था आज तुम्हारे साथ हूँ पापा ।

आप ही तो मेरे जीवन के रक्षक है अपना आशीर्वाद बनाए रखना पापा।
बिन तुम्हारे यह जीवन सदा नीरस मुझको लगता पापा।

तुम्हारी गोद में खेला करता था तुम्हारे पास आने को मचलता था ।
तुम घर जब आते खिलौना देते उससे मन बहलता था ।

तुम्हारे प्रेम स्नेह में यह दिन खुशी से कट जाता था पापा।
आज सबकुछ बदल चुका है जाने किस जहां में तुम चले गए पापा।

मेरी आँखे हर पल तुमको ढूंढा करती हैं ।
सूना सूना अपना घर अब लगता है पापा।।

तुम्हारी यादें, तुम्हारी बातें, हर पल पर मुझको आती है । नजरिया जीने का मुझे तेरी याद दिलाती है।।

काश जीवन के इस मोड़ पर तुम मेरे साथ होते ।
तब यह जीवन और हसीन हो जाता, फिर हम न रीते ।।

तुम जहां कहीं भी हो खुश रहना ।
भूल न पाऊंगा इस जीवन यह दर्द है मुझको सहना।।

अपने आँखों के तारे पर अपना आशीर्वाद बनाना ।
अगला जन्म तुम ही फिर मेरे पापा बन आना।।
****************
शैलेन्द्र पयासी ( युवा लेखक- पत्रकार )
विजयराघवगढ़ कटनी मध्यप्रदेश

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *