मां एक अहसास है

*मां एक अहसास है*
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जिस मां ने हमें जन्म दिया,
करनी कथनी का मर्म दिया।
पाला छह महीने कोख में,
उसको हम बुढ़ापे में
एक दिन भी न सहते हैं।
सच्चा मां का दामन छोड़, झूठे रिश्तों में बहते हैं।
सीख सदा तुम्हें याद रहें जीवन जग में,
मां से बड़ा ना कोई साकी,
सब हैं पैसे के मग में।
जीवन की ज्योति जन जननी,
पिता हमारे हाथ हैं,
न ये दुनिया न रिश्ते नाते,
बस ये दोनों ही हमेशा साथ हैं।~~~~~~~~~~~~
*रामजी दुबे*
*कटनी मध्यप्रदेश*

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