आपको होम लोन के साथ लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदनी चाहिए या नहीं, जानें क्या है एक्सपर्ट की राय
नई दिल्ली, बलवंत जैन। अपने घर की चाहत किसे नहीं होती है। किराये के मकान में रह रहे हर व्यक्ति के मन में कहीं-ना-कहीं ये बात दबी होती है कि काश! हमारे पास कोई अपना मकान होता, जिसे हम अपने मन मुताबिक डेकोरेट कर पाते या फिर उस हिसाब से सामान खरीदते। हालांकि, मकान की आसमान छूती कीमतों की वजह से किसी भी व्यक्ति के लिए बिना होम लोन के घर लेना अब लगभग नामुमकिन हो गया है। होम लोन एक बड़ी वित्तीय देनदारी होती है, ऐसे में इस आलेख में मैं इस विषय पर चर्चा करना चाहता हूं कि हमें अपने होम लोन की देनदारी को कवर करने के लिए अलग से लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी क्यों खरीदनी चाहिए और आप उसे कैसे खरीद सकते हैं।
होम लोन को कवर करने के लिए लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी क्यों जरूरी हैः
अगर आपने होम लोन लिया है तो उसकी ईएमआई के रूप में आपकी सैलरी का एक बड़ा हिस्सा जाता होगा। ऐसे में भगवान ना करे लेकिन अगर नौकरी या बिजनेस के जरिए आय अर्जित वाले व्यक्ति को अगर कुछ हो जाता है तो उसके परिवार के लिए होम लोन की किस्त को चुकाना लगभग असंभव हो जाएगा।
फाइनेंशियल प्लानिंग का बुनियादी सिद्धांत यह है कि किसी भी व्यक्ति को अपनी सभी तरह की वित्तीय देनदारियों को कवर करने के लिए लाइफ इंश्योरेंस खरीदना चाहिए। ऐसे में जब आप होम लोन लेते हैं तो नई वित्तीय देनदारी पैदा होती है। होम लोन को कवर करने के लिए इंश्योरेंस पॉलिसी लेने से आपकी आने वाली पीढ़ियों को विरासत में घर मिलेगा, लोन की देनदारी नहीं।
यहां स्पष्ट कर दूं कि मैं जिस लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी की बात कर रहा हूं वह रेगुलर लाइफ इंश्योरेंस के इतर होनी चाहिए।
कैसे खरीद सकते हैं यह पॉलिसी
इंश्योरेंस खरीदने के लिए किसी दूसरे प्लान की तरफ मत देखें, आप केवल टर्म प्लान खरीदें। इसकी वजह यह है कि टर्म प्लान में कम प्रीमियम पर अधिक राशि की कवरेज मिलती है। अब आप यह जानना चाहते होंगे कि टर्म प्लान को कहां से खरीदा जा सकता है। ऐसे में मेरा मानना यह है कि अगर आप टेक सैवी हैं तो आपको टर्म प्लान ऑनलाइन खरीदना चाहिए क्योंकि ऑनलाइन टर्म प्लान 25-30 फीसद सस्ता होता है। वहीं, प्रोडक्ट में किसी तरह का अंतर नहीं होता है। आपके टर्म प्लान की अवधि लोन की टेन्योर के बराबर ही होना चाहिए।
यहां ध्यान रखने वाली बात यह है कि बैंक अमूमन आपको एकल प्रीमियम वाली टर्म प्लान पॉलिसी खरीदने के लिए कहते हैं। ये टर्म प्लान खास तौर पर होम लोन के लिए डिजाइन किए गए होते हैं और इंश्योरेंस की प्रीमियम होम लोन के साथ जोड़ दी जाती है। बैंक प्रीमियम की राशि आपके EMI में वृद्धि के जरिए रिकवर करते हैं। हालांकि, मैं एकल प्रीमियम पॉलिसी की जगह वार्षिक प्रीमियम भुगतान वाली पॉलिसी लेने की सलाह दूंगा। इसकी वजह यह है कि अधिकतर मामलों में होम लोन लेने वाले लोग पूरी अवधि तक अपना होम लोन नहीं चलाते हैं और फंड होते ही बीच में ही लोन चुका देते हैं। ऐसी स्थिति में सिंगल प्रीमियम पॉलिसी के तहत पहले ही जमा की जा चुकी प्रीमियम बेकार चली जाती है क्योंकि जिस वित्तीय देनदारी को कवर करने के लिए लोन लिया गया था, वो पहले ही पूरा चुका होता है।
क्या आपको उसी लेंडर से होम लोन प्रोटेक्शन प्लान लेना चाहिए, जिससे आपने होम लोन लिया है?
मैं सबसे पहले यहां स्पष्ट करना चाहता हूं कि ना ही बैंक रेगुलेशन और ना ही किसी कानून में इस बात का प्रावधान है कि होम लोन लेने वाले लोगों को उसे कवर करने के लिए लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी लेनी चाहिए। हालांकि, किसी भी तरह की अनहोनी की स्थिति में प्रोपर्टी आपके परिवार के साथ बनी रहे, इसे सुनिश्चित करने के लिए इंश्योरेंस प्लान लेने की सलाह दी जाती है। इसीलिए अधिकतर कर्जदाता होम लोन के साथ लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने पर जोर देते हैं।
यही नहीं अधिकतर लेंडर अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए अपनी सहयोगी कंपनी या ऐसी कंपनी से इंश्योरेंस खरीदने के लिए कहते हैं, जिनके साथ उनका कोई समझौता हो। कई बार ये देखने को मिलता है कि लेंडर की ओर से जिस पॉलिसी को ऑफर किया जाता है, वह सबसे सस्ता प्लान नहीं होता है। ऐसे में आप उस पॉलिसी को खरीदने से मना कर सकते हैं। अगर लेंडर आपकी बात नहीं सुनता है तो आप उन्हें यह लिखित में देने को कह सकते हैं कि होम लोन लेने के लिए लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी लेना अनिवार्य है। चूंकि लेंडर आपको यह बात लिखित में नहीं दे सकता है तो आखिर में वह इस बात के लिए सहमत हो जाएगा कि आप किसी भी लेंडर से होम लोन खरीद सकते हैं।
(लेखक टैक्स एंड इंवेस्टमेंट एक्सपर्ट हैं और ApnaPaisa के चीफ एडिटर हैं। प्रकाशित विचार लेखक के निजी हैं।)