वट अमावस्या पर कस्बे की पुरानी तहसील परिसर में लगे वट वृक्ष की महिलाओं ने की पूजा अर्चना

वट अमावस्या पर कस्बे की पुरानी तहसील परिसर में लगे वट वृक्ष की महिलाओं ने की पूजा अर्चना।

हमीरपुर जनपद के राठ कस्बे में महिलाओं ने वट अमावस्या के मौके पर की वट वृक्ष की पूजा। हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन वट सावित्री व्रत रखा जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। इस दिन महिलाएं वट वृक्ष की पूजा करती है तथा वट सावित्री की कथा सुनती हैं। यह व्रत भी करवा चौथ के व्रत के समान ही अपना विशेष महत्व रखता है। इसमें वट के वृक्ष यानी कि बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है। महिलाएं वट को कलावा बांधते हुए वृक्ष की परिक्रमा करती हैं और व्रत रखती हैं।राठ कस्बे की पुरानी तहसील परिसर में लगे वट वृक्ष की आज सैकड़ों महिलाओं ने पूजा की। इस दौरान महिला आराधना द्विवेदी ने बताया कि, सुहागिन महिलाओं के वट सावित्री के व्रत का विशेष महत्व होता है। बताया कि, आज ही के दिन सावित्री जी ने भगवान से अपने पति को वापस लौटा लिया था। उसी दिन से प्रत्येक वर्ष वट अमावस्या के दिन महिलाएं वट सावित्री का व्रत रखती हैं।

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