विजयराघवगढ़ की चिट्ठी

🎯विजयराघवगढ़ की चिट्ठी 🎯🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳🌳 ✒️पण्डित सुरेन्द्र दुबे ✒️दुर्भाग्य के कफ़न में लिपटा विजयराघवगढ़ के अमर शहीद राजा सरयू प्रसाद सिंह मेमोरियल अस्पताल का विकास ।
🎯 वर्ष 19 82 में तत्कालीन विधायक स्व आर के शर्मा जी के द्वारा माननीय कुँवर अर्जुन सिंह जी एवम मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यछ माननीय मुंदर शर्मा जी के आग्रह पर छेत्रीय जनता ने जनसहयोग से 30 बिस्तर अस्पताल को मूर्त रूप दिया था।
इस के भवन हेतु पण्डित शंकर लाल दुबे स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी ने अपने पिता स्व राममिलन दुबे की पैतृक कृषि भूमि 1 करोड़ कीमत की दान दी थी। यहां डाक्टरो के 8 पद की पूर्ति भी थी।
🎯वर्ष 2002 में तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह जी ने यहां 7 करोड़ 92 लाख की 100 बिस्तर का अत्याधुनिक अस्पताल एवम डाक्टरो के 14 पद स्वीकृत किये थे ।

🎯2003 में बी जे पी सरकार ने इसका 5 करोड़ 92 लाख का बजट निरस्त कर पुनः 30 बिस्तर के अस्पताल का स्वरूप बिगड़ गया।तब से आज तक यहाँ के लोग स्वास्थ्य सुविधाओं को तरस रहे हैं।
🎯वही पुरानी अस्पताल के आस पास की करोड़ो की शासकीय भूमि में जनप्रतिनिधियों की उपेछा के कारण बी जे पी शासन में अवैध कब्जे करा दिए गए।
🎯 इस तरह विजयराघवगढ़ छेत्र स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए जबलपुर पर आश्रित रहता है।
🎯केरोना महामारी जिसे विजयराघवगढ़ छेत्र में मुख्यमंत्री जी सांसद ने ए सी सी उद्योग के शिलान्यास अवसर पर बाँट गए।और पूरा जिला विजयराघवगढ़ छेत्र महामारी की चपेट में आ गया ।विजयराघवगढ़ विधानसभा छेत्र में हजार की संख्या में अकाल मौतों से छेत्र कराह उठा। बगेर स्वास्थ्य सुविधा के जबलपुर की कटनी की प्रायवेट अस्पतालों में छेत्र के भुवनेश्वर दिक्चित, विधायक प्रतिनिधि श्री मनोज द्विवेदी ,कांग्रेस नेता बाला प्रसाद वर्मा,लक्चमी त्रिपाठी जी, महंत रामप्रसाद दुबे जैसी हीरा हस्तयो को विजयराघवगढ़ छेत्र ने खोया।
🎯 पूरे छेत्र भर में यह आँकड़ा हजार से ऊपर पहुंच गया है।
🎯पूरा विजयराघवगढ़ छेत्र इन अकाल मौतों से उद्वेलित ही नही दहल गया।सरकार बनाने के चक्कर मे शिवराज जी आपने मानवता भूलकर कुर्शी की चाहत में क्रोना को कमलनाथ का डरो ना कहकर उपहास उड़ाया था।🎯 यदि आज आपकी भावना जन सेवा की होती तो पूरा प्रदेश महामारी की चपेट में नही आता।और मध्यप्रदेश खुश हाली की राह परहोता किन्तु स्वार्थ पूर्ति के चलते आपके राजहठ ने लाखों परिवारों को मुसीबत में डाल दिया है।
🎯 आप स्वयं आइये विजयराघवगढ़ छेत्र में और देखिए जमीनी हकीकत छेत्र की महामारी के समय भी यहां माफियाओ के द्वारा महानदी का सीना चीर कर अवैध रेत का काला कारोबार फल फूल रहा है।
🎯 विजयराघवगढ़ छेत्र में माफियाओ का भय प्रशासनिक अधिकारियों की जगलबन्दी से अवैध कारोबार हावी है।एक भी अधिकारी विजयराघवगढ़ मुख्यालय में नही रहते समस्त अधिकारी ए सी सी के बंगलो में बैठकर विजयराघवगढ़ छेत्र में फल फूल रहे अवैध कारोबारियों के कवच बनकर छेत्रीय जनता का खून चूस रहे हैं।वही विकास योजनाए भरस्टाचार की बलि चढ़ रही हैं।

🎯आज क्रोना महामारी के चलते पूरा छेत्र कराह रहा है।जनप्रतिनिधियों की धींगा मस्ती के चलते पूरा कटनी जिला उद्वेलित है।श्रमिक बाहुल्य छेत्र में सार्वजनिक वितरण प्रणाली माफियाओं के चंगुल में है गरीबो का निवाला छीनकर महामारी में भी भरस्टाचार हो रहा है।
🎯आज बहुत ही भारी मन से लिखने को मजबूर हुए वो लिख रहा हूं जो लिखा जाना चाहिए ओर लिखा नही गया।आज हिंदी पत्रकारिता दिवश है।
कलम के सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेंच देंगे।
🎯 मुख्यमंत्री जी जागिये और अपने जमीर को जगाइए मानवता की रच्छा आपके खोखले वादों से नही जमीन पर उतरकर गावो में उन परिवारों में जाकर उनके आंसू पोंछ कर ढाढस दो जिन मासूमो ने अपना पिता माता भाई बहन काका ताऊ खोया है। उनके घरों में जाकर उन्हें सम्बल दो ।
🎯 और घूमने के बाद सम्राट अशोक के जीवन को देखो यदि आपका जमीर जाग जाय तो मुख्यमंत्री पद से स्तीफा देकर प्रदेश की जनता जनार्दन से माफी सहित स्तीफा देकर प्रदेश को मुक्ति दो।
✒️ मुफ्त में आजादी मिलती नही है भाई मुल्क जो आजाद होते हैं लहू के मोल होते हैं।
✒️ शैलेन्द्र पयासी ( विजयराघवगढ़ कटनी मध्यप्रदेश)

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